अयोध्या / ट्रस्ट राम मंदिर को वेटिकन सिटी और मक्का मस्जिद से बड़ा बनाने की योजना पर काम कर रहा है
- वेटिकन सिटी 110 एकड़ में और मक्का मस्जिद 99 एकड़ में है, ट्रस्ट इससे ज्यादा क्षेत्र में राम मंदिर तीर्थ बनाना चाहता है
- शिलान्यास की तारीख पर 15 दिन बाद होने वाली बैठक में फैसला, 4 अप्रैल यानी एकादशी पर निर्माण शुरू करने पर जोर
Dainik Bhaskar
Feb 20, 2020, 12:30 PM IST
नई दिल्ली (संतोष कुमार). श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की 15 दिन बाद होने वाली बैठक में राम मंदिर निर्माण की तारीख पर फैसला लिया जाएगा। यह बैठक एकादशी के दिन होनी है। ट्रस्ट चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़ा सनातन धर्म केंद्र बने। सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट के सदस्य चाहते हैं कि राम मंदिर क्षेत्र का विस्तार वेटिकन सिटी और मक्का की मस्जिद से ज्यादा इलाके में किया जाए।
111 एकड़ में राम मंदिर तीर्थ विकसित करने का विचार
ईसाइयों का तीर्थ वेटिकन सिटी 110 एकड़ और मक्का मस्जिद 99 एकड़ में है। ट्रस्ट इससे ज्यादा इलाके में राम मंदिर तीर्थ का विस्तार करने की योजना बना रहा है। ट्रस्ट के पास अभी राम मंदिर के लिए ट्रस्ट के पास अभी 70 एकड़ की जमीन है। कुछ सदस्यों ने आसपास की संभावित जमीनों का जायजा भी लिया है। अरविंदो आश्रम 3 एकड़ जमीन देने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट 111 एकड़ में राम मंदिर तीर्थ का निर्माण करने पर विचार कर रहा है।
ईसाइयों का तीर्थ वेटिकन सिटी 110 एकड़ और मक्का मस्जिद 99 एकड़ में है। ट्रस्ट इससे ज्यादा इलाके में राम मंदिर तीर्थ का विस्तार करने की योजना बना रहा है। ट्रस्ट के पास अभी राम मंदिर के लिए ट्रस्ट के पास अभी 70 एकड़ की जमीन है। कुछ सदस्यों ने आसपास की संभावित जमीनों का जायजा भी लिया है। अरविंदो आश्रम 3 एकड़ जमीन देने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट 111 एकड़ में राम मंदिर तीर्थ का निर्माण करने पर विचार कर रहा है।
संतों ने निर्माण कामदा एकादशी का मुहूर्त सुझाया
ट्रस्ट पहली बैठक बुधवार को के पाराशरण के घर पर हुई, यह एकादशी का दिन था। ट्रस्ट की अगली बैठक अयोध्या में 15 दिन बाद होनी है और यह दिन भी एकादशी का ही होगा। सूत्रों के मुताबिक, संतों ने राम मंदिर निर्माण के लिए कामदा एकादशी (4 अप्रैल) का मुहूर्त सुझाया है। पाराशरण के घर हुई बैठक में निर्माण शुरू करने के लिए कामदा एकादशी के अलावा तीन और तारीखों पर भी विचार किया गया। पहली तारीख 25 मार्च (चैत्र प्रतिपदा) है, इस दिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इसके अलावा 2 अप्रैल (रामनवमी) और 8 अप्रैल (हनुमान जयंती) पर भी चर्चा की जा रही है। लेकिन, संतों की तरफ से 4 अप्रैल की एकादशी को ही मंदिर निर्माण का मुहूर्त करने पर जोर दिया जा रहा है।
ट्रस्ट पहली बैठक बुधवार को के पाराशरण के घर पर हुई, यह एकादशी का दिन था। ट्रस्ट की अगली बैठक अयोध्या में 15 दिन बाद होनी है और यह दिन भी एकादशी का ही होगा। सूत्रों के मुताबिक, संतों ने राम मंदिर निर्माण के लिए कामदा एकादशी (4 अप्रैल) का मुहूर्त सुझाया है। पाराशरण के घर हुई बैठक में निर्माण शुरू करने के लिए कामदा एकादशी के अलावा तीन और तारीखों पर भी विचार किया गया। पहली तारीख 25 मार्च (चैत्र प्रतिपदा) है, इस दिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इसके अलावा 2 अप्रैल (रामनवमी) और 8 अप्रैल (हनुमान जयंती) पर भी चर्चा की जा रही है। लेकिन, संतों की तरफ से 4 अप्रैल की एकादशी को ही मंदिर निर्माण का मुहूर्त करने पर जोर दिया जा रहा है।
मॉडल विहिप का, ऊंचाई पर फैसला बाकी
ट्रस्ट के सदस्यों में करीब-करीब यह आम राय बन चुकी है कि मंदिर का मॉडल वही रहेगा, जो विहिप ने बनवाया था। मंदिर की ऊंचाई को लेकर अभी फैसला नहीं हो पाया है। ट्रस्ट के सदस्यों की राय है कि पहले मिट्टी का भराव कराकर जांच कर ली जाए कि वह कितना वजन झेलने की क्षमता रखती है। इसके लिए मिट्टी भरवाकर कम से कम एक बारिश के मौसम का इंतजार करना चाहिए।
ट्रस्ट के सदस्यों में करीब-करीब यह आम राय बन चुकी है कि मंदिर का मॉडल वही रहेगा, जो विहिप ने बनवाया था। मंदिर की ऊंचाई को लेकर अभी फैसला नहीं हो पाया है। ट्रस्ट के सदस्यों की राय है कि पहले मिट्टी का भराव कराकर जांच कर ली जाए कि वह कितना वजन झेलने की क्षमता रखती है। इसके लिए मिट्टी भरवाकर कम से कम एक बारिश के मौसम का इंतजार करना चाहिए।
नृत्य गोपाल दास और चंपत पर शाह की रणनीति
मंदिर पर ट्रस्ट का ऐलान हुआ तो नृत्यगोपाल दास और चम्पतराय का नाम नहीं होने को लेकर सवाल उठ रहे थे, लेकिन इन दोनों का नाम अयोध्या केस में शामिल था इसलिए गृह मंत्री अमित शाह ने रणनीति के तहत दो सदस्यों को नामित करने का अधिकार सीधे ट्रस्ट को सौंप दिया था ताकि सरकार पर उंगली नहीं उठे। अब ट्रस्ट ने अपना निर्णय लिया है।
मंदिर पर ट्रस्ट का ऐलान हुआ तो नृत्यगोपाल दास और चम्पतराय का नाम नहीं होने को लेकर सवाल उठ रहे थे, लेकिन इन दोनों का नाम अयोध्या केस में शामिल था इसलिए गृह मंत्री अमित शाह ने रणनीति के तहत दो सदस्यों को नामित करने का अधिकार सीधे ट्रस्ट को सौंप दिया था ताकि सरकार पर उंगली नहीं उठे। अब ट्रस्ट ने अपना निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन
राम जन्मभूमि न्यास महंत नृत्य गोपाल दास ट्रस्ट के अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के चंपत राय महासचिव बनाए गए हैं। गुरू पांडुरंग अठावले के शिष्य स्वामी गोविंद देव गिरि कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन का जिम्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधानसचिव नृपेंद्र मिश्र को सौंपा गया है। 15 दिन बाद अयोध्या में होने वाली बैठक में निर्माण समिति अपनी रिपोर्ट रखेगी और इसके बाद मंदिर निर्माण की तारीख पर फैसला लिया जाएगा।